तड़प तड़प के जब यह दिल रोता है,
धुंधला सा जब ये समां होता है,
यादों में डूबा जब यह जहाँ होता है,
ऐ गुमनाम शायर, तब तू कहाँ होता है?
पलकों के आसुंओ के मरासिम पुराने है,
न हम, न आप, इससे अनजाने है,
फिर क्या फ़ितरे दिल को समझने है,
इस लिए
पूछ मत की आखिर ये दिल क्यों रोता है??
ऐ गुमनाम शायर, तब तू कहाँ होता है?
जब
तड़प तड़प के जब यह दिल रोता है,
धुंधला सा जब ये समां होता है,
यादों में डूबा जब यह जहाँ होता है...
धुंधला सा जब ये समां होता है,
यादों में डूबा जब यह जहाँ होता है,
ऐ गुमनाम शायर, तब तू कहाँ होता है?
पलकों के आसुंओ के मरासिम पुराने है,
न हम, न आप, इससे अनजाने है,
फिर क्या फ़ितरे दिल को समझने है,
इस लिए
पूछ मत की आखिर ये दिल क्यों रोता है??
ऐ गुमनाम शायर, तब तू कहाँ होता है?
जब
तड़प तड़प के जब यह दिल रोता है,
धुंधला सा जब ये समां होता है,
यादों में डूबा जब यह जहाँ होता है...